ग़र मिल जाये भूलें भटकें तब समझो पर्व ये होली हो। ग़र मिल जाये भूलें भटकें तब समझो पर्व ये होली हो।
हर साल मुझको जलाने का अर्थ क्या हुआ ? सोच से अपने मेरे जैसे सामर्थ सा हुआ! हर साल मुझको जलाने का अर्थ क्या हुआ ? सोच से अपने मेरे जैसे सामर्थ सा हुआ!
नहीं देखती ग़रीब की बात है होली ना ही देखती अमीर की साज़ है होली! नहीं देखती ग़रीब की बात है होली ना ही देखती अमीर की साज़ है होली!
बस रंगों का त्योहार है होली और ढंगों का त्योहार है होली बस रंगों का त्योहार है होली और ढंगों का त्योहार है होली
" नीरज" को चाहत है सिर्फ प्रेम- रंग की, भूलूँगा कभी न एहसान तुम्हारा। " नीरज" को चाहत है सिर्फ प्रेम- रंग की, भूलूँगा कभी न एहसान तुम्हारा।
फागुन में झूमे तन मन, जग को मिले नया जीवन। फागुन में झूमे तन मन, जग को मिले नया जीवन।